वागडी कहावतें भाग - 1
यह कहावते विभिन्न लोगो के मुख से सुनकर हमने संकलित किया है...यहाँ पर मेरे द्वारा 10 वागडी कहावते लिखी जा रही है तथा अगली पोस्ट में और 10 कहावते आपके लिए लेकर आऊंगा!
1- भिनु-भिनु हंकेले - (बात को घुमा-घुमा कर कहना, साफ बात खुलकर नहीं बताना)
2- धणी वना धाड हुनी - (मुखिया के बिना कार्य विफल होना)
3- केड मी कटारी ने ढ़ीके-ढ़ीके मारे - (साधन होते हुए भी कार्य नहीं करना)
4- हो हुनी नी, ने एक लुआर नी - (सभी बातो पर एक बात भारी पड़ना)
5- बखाणी खिसड़ी दाते सोटे - (जिसकी बढाई करते है उसमे वो गुण नहीं होना)
6- भुर नो भगवान - (ईश्वर हमेशा सच्चाई के साथ रहता है)
7- घेर-घेर गार ना सुला - (सभी जगह एक सा कार्य होना)
8- सऊऐ विद्या सऊडी में - (सभी बातो का एक ही निष्कर्ष होना)
9- काशी में जाओ तो भी कागडा करा - (सभी जगह एक जैसा कार्य होना)
10- जागता नी पाड़ी ने हुता नो पाड़ो - (सचेत रहने वालो को लाभ होता है)
1- भिनु-भिनु हंकेले - (बात को घुमा-घुमा कर कहना, साफ बात खुलकर नहीं बताना)
2- धणी वना धाड हुनी - (मुखिया के बिना कार्य विफल होना)
3- केड मी कटारी ने ढ़ीके-ढ़ीके मारे - (साधन होते हुए भी कार्य नहीं करना)
4- हो हुनी नी, ने एक लुआर नी - (सभी बातो पर एक बात भारी पड़ना)
5- बखाणी खिसड़ी दाते सोटे - (जिसकी बढाई करते है उसमे वो गुण नहीं होना)
6- भुर नो भगवान - (ईश्वर हमेशा सच्चाई के साथ रहता है)
7- घेर-घेर गार ना सुला - (सभी जगह एक सा कार्य होना)
8- सऊऐ विद्या सऊडी में - (सभी बातो का एक ही निष्कर्ष होना)
9- काशी में जाओ तो भी कागडा करा - (सभी जगह एक जैसा कार्य होना)
10- जागता नी पाड़ी ने हुता नो पाड़ो - (सचेत रहने वालो को लाभ होता है)
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